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Tuesday 6 June 2017

फंगल इन्फेक्शन से बचने का घरेलु इलाज - Fungal Infection in Hindi

फंगल इन्फेक्शन आखिर होता क्या है और ये कैसे होती है किसी भी बीमारी का इलाज करने से पहले हमें उसके बारे में जानना जरुरी है इसलिए हमें पहले ये जानना होगा की आखिर फंगल इन्फेक्शन होता क्या है और ये कितने प्रकार की होती है यह बीमारी हमारे शरीर में किसी भी तरह के वायरल इंफेक्शन और बैक्टीरिया के संक्रमण द्वारा बन जाती है फंगल इंफेक्शन 4 तरह का होता है जिसके चारो के प्रकार को जानना जरुरी है.

 फंगल इन्फेक्शन से बचने का घरेलु इलाज

फंगल इन्फेक्शन के चार प्रकार:- 

1. एथलिट फुट फंगल इंफेक्शन
2. रिंगवर्म फंगल इंफेक्शन
3. एक्जिमा फंगल इंफेक्शन
4. यीस्ट या खमीर संक्रमण फंगल इंफेक्शन

फंगल इन्फेक्शन के लक्षण 

हमारा शरीर जो कि कई प्रकार के तत्वों से मिलकर बना है हमारे शरीर के लिए भरपूर मात्रा में विटामिन और पोषक तत्व जरुरी होते है हमारी त्वचा काफी नाजुक होती है हमारे शरीर की त्वचा हमें सभी तरह के वायरल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन यानी कि संक्रमण से बचाव करती है. लेकिन हमारे शरीर कि पूर्ति ना होने पर हमें कुछ बीमारियां हो जाती है जब किसी इंसान को स्किन फंगल इंफेक्शन में रोगी के त्वचा पर सफेद परत (पपड़ी) जम जाती है जिसमें मीठी मीठी खुजली होती है. और सही समय पर ध्यान न देने पर इसमें बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी हो जाता है.

ये बीमारी हमें संक्रमण से होती है जैसे रोगाणुओं, जीवाणु, वायरस, बैक्टीरिया, और फंगल के संक्रमण आदि त्वचा के संक्रमण के लिए कीटाणु जिम्मेदार है जब भी आपको इस बीमारी के लक्षण दिखाई दे तो आप इसका तुरंत इलाज कराये या फिर किसी नजदीकी चिकित्सक को दिखाएं इसका इलाज सही समय पर ना होने पर ये संक्रमण काफी गंभीर स्थिति में भी पहुंच जाता है.

फंगल इंफेक्शन से बचाव के उपाय 

लहसुन का उपयोग 

लहसुन किसी भी प्रकार के संक्रमण से बचने में हमारी मदद करता है क्योकि लहसुन में अनेक प्रकार के एंटीफंगल गुण मौजूद होते हैं 2 लहसुन की कलियों को लेकर उन्हें अच्छी तरह पीस लें अब इसमें थोड़ा जैतून का तेल डालकर अच्छी तरह मिक्स कर लें इस मिश्रण को इन्फेक्शन वाले स्थान पर आधे घंटे के लिए लगाकर छोड़ दें आधे घंटे बाद इसे धो दें कुछ दिनों तक इसका प्रयोग करने से इन्फेक्शन दूर होने लगता है. 

जैतून के पत्ते का उपयोग 

जैतून के पत्तो में संक्रमण को खत्म करने के गुण पाए जाते है क्योकि जैतून में एंटीमाइक्रोबीयल गुण होता है जो कि संक्रमण को ख़त्म करने में सहयक होता है जैतून के कुछ पत्तो को लेकर पीस ले और पेस्ट बना ले इस पेस्ट को इन्फेक्शन वाले स्थान पर आधे घंटे के लिए लगा लें कुछ समय बाद गुनगुने पानी से साफ कर ले इससे आपको आराम मिलेगा.

हल्दी का उपयोग


हल्दी प्राकृतिक एंटीसेप्टिक, एंटीबायोटिक और एंटीफंगल गुणों से भरपूर होती है हल्दी के ये गुण संक्रमण को फैलने से रोकते है और दुबरा आने से रोकने में भी मददगार साबित होते है संक्रमण वाले भाग पर कच्ची हल्दी को जड़ो से रस निकालकर लगाए इसके रस को 2 या 3 घंटे तक संक्रमण वाले स्थान पर लगाकर रखें. इस विधि का प्रयोग दिन में दो बार करे. 

दही का उपयोग

दही में होने वाले प्रोबायोटिक्‍स लैक्टिक एसिड का निर्माण करके कवक के विकास को जांच में रखने का काम करता है सादे दही को कॉटन की मदद से आधे घंटे तक इंफेक्‍शन वाली जगह पर लगा कर रखे आधे घंटे बाद गुनगुने पानी से धो दें दिन में दो बार दही का उपयोग करे फंगल इंफेक्‍शन को ठीक करने के लिए दही बहुत उपयोगी है.

नीम की पत्तियों का उपयोग 

नीम में निन्बिडोल और गेडूनिन गुण होते हैं जो फंगल विरोधी होते हैं और फंगल को ख़त्म करने में मदद करते हैं नीम की पत्तियों का पेस्ट बना लें और उसमें थोडा सा नींबू का रस और थोड़ी हल्दी मिला लें इस पेस्ट को घाव पर बीस-तीस मिनट लगाएं रखें इसके बाद उसे पानी से धोएं और सूखा लें ज़ल्द आराम पाने के लिए दिन में दो बार ऐसा करें.

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